मुंबई:-
अंधविश्वास और उससे जुड़े सामाग्री को बढ़ावा देने वाले विज्ञापनों के प्रसारण को लेकर बॉम्बे हाईकोर्ट की औरंगाबाद पीठ ने सख्त रुख अपनाते हुए कहा है कि इस तरह के विज्ञापन प्रसारित करना जुर्म है. इस पर चैनलों को और विज्ञापन देने वाली कंपनियों को कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा. मंगलवार को एक मामले की सुनवाई के दौरान औरंगाबाद हाई कोर्ट ने हनुमान चालीसा यंत्र को बढ़ावा देने वाले एक विज्ञापन के प्रसारण के लिए चार टीवी चैनलों के खिलाफ आपराधिक मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया है. कोर्ट का मानना है कि इससे जनता के बीच अंधविश्वास को बढ़ावा मिलता है.मामले की सुनवाई करते हुए जस्टिस टीवी नलवड़े और एमजी सेवलिकर की डिवीजन बेंच ने कहा कि इस तरह के विज्ञापन को टेलीकास्ट करना, महाराष्ट्र प्रिवेंशन एंड एडिकेशन ऑफ ह्यूमन सैक्रिफाइस और अन्य मानवीय बुराई और अघोरी आचरण और ब्लैक मैजिक एक्ट 2013 के प्रावधानों के तहत दंडनीय अपराध है.
सुनवाई करते हुए पीठ ने कहा कि काला जादू अधिनियम की धारा 3 न केवल जादू, बुरी प्रथाओं को प्रतिबंधित करती है, बल्कि इस तरह के बुरी प्रथाओं और काले जादू के प्रचार-प्रसार को भी रोकने का काम करती है. अधिनियम की धारा 3 (2) के अंतर्गत इस तरह की गतिविधियों में शामिल होना भी अपराध की श्रेणी में आता है. इसलिए जो भी टीवी चैनल इस प्रकार के विज्ञापन को प्रसारित करेंगे वह धारा 3 के अंतर्गत उत्तरदायी होंगे.औरंगाबाद पीठ यह सुनवाई एक शिक्षक राजेंद्र अंभोरे की याचिका पर कर रही थी. अपनी याचिका में उन्होंने कई चैनलों पर प्रसारित होने वाले विज्ञापनों के बारे में शिकायत की थी, जिसमें कुछ देवी देवताओं के नाम पर यंत्र का प्रचार किया गया था और लोगों को लालच देकर इसे खरीदने की अपील की गई थी.
अदालत ने राज्य सरकार को यह निर्देश देते हुए कहा है कि ऐसे विज्ञापनों को रोकने के लिए राज्य स्तर पर एक विशेष सेल बनाया जाए और यह सुनिश्चित किया जाए कि ऐसे कोई भी विज्ञापन किसी भी टीवी चैनल पर प्रसारित न हों.